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Sindoor Ka Mahatva - सिंदूर का महत्व। |
Sindoor Ka Mahatva - हिन्दू धर्म में विवाह सिर्फ़ दो लोगों का संबंध नहीं बल्कि यह सात फेरे सात जन्मों तक सुख और दुःख में साथ निभाने का कसम होता है।
विवाह भी तभी संपन्न होता है जब, सात फेरे, कन्यादान और सिन्दूरदान होता है। आदि काल से ही सनातन धर्म में सिंदुर का उपयोग होता रहा है।
आखिर क्यों सिंदुर इतना महत्वपूर्ण है? क्यूं स्त्रियों को लगाना चाहिए सिंदूर? क्या है सनातन धर्म में Sindoor Ka Mahatva आईए जानते हैं।
नमस्कार दोस्तों मैं Jay Pandey आपका स्वागत करता हूं आपके अपने ही ब्लॉग www.jaypandey111.blogspot.com पर।
Sindoor Ka Mahatva - सिंदूर का महत्व।
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मां जगदम्बा और हनुमान जी |
Sindoor: क्यों शादी के बाद महिलाएं मांग में लगाती हैं सिंदूर?
तो उन्होने सिन्दूर का सम्मान करते हुये बालि को नही मारा। परंतु दूसरी बार जब सुग्रीव ने बालि को ललकारा तब तारा स्नान कर रही थी। उसी समय भगवान ने देखा की मौका अच्छा है, और बाण छोड दिया।
अब आप ही बताइये की जब माँग मेँ सिन्दूर भरा हो तो, परमात्मा भी उसको नही मारते। फिर उनके सिवाय कोई और क्या मारेगा। आजकल फैशन चल रहा है सिन्दूर न लगाने की या, हल्का लगाने की या बीच माँग मेँ न लगाकर किनारे की तरफ लगाने की।
आईए आगे बताते हैं सिन्दूर लगाने के कुछ नियम और फ़ायदे जिससे आपको और अधिक Sindoor Ka Mahatva का पता चले। सिंदूर में पारा धातु पाया जाता है। इस धातु की अधिकता से चेहरे पर झुर्रियां नहीं आती हैं।
Sindoor Ke Vaigyanik Fayde - सिंदूर लगाने की सही विधि
मां जगदम्बा के आशीर्वाद से घर में सुख शांति आती है। पति पत्नी में एक दूसरे के लिए अधिक प्यार रहता है। आशा करता हुँ की मेरे इस पोस्ट से आप लोग सिन्दूर का महत्व समझ गयीं होंगी।
अपने पति की लम्बी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिये अपने पति के नाम का सिन्दूर अपने माँग मेँ भरेगीं। यह भले ही आप के हिसाब से भद्दा लगता हो। परंतु एक स्त्री का परम सौंदर्य सिंदूर ही है।
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जय लक्ष्मीनारायण जी