Srishti ki rachna kaise hui? सृष्टि की रचना कैसे हुई?

Srishti ki rachna kaise hui - सृष्टि की रचना कैसे हुई
सृष्टि रचना


दोस्तों आप सबने ये जरूर सोचा होगा कि, हम सब इस संसार में रहते हैं, हमसे पहले भी लोग इस संसार में हुऐ और हमारे बाद भी लोग इस सृष्टि में होंगे।

लेकिन हमारे इस Shrishti ki Rachna kaise hui और किसने की सृष्टि की रचना? आपके मन ज़रूर सृष्टि की रचना कैसे हुई जानने की जिज्ञासा होती होगी।

आप सोचते होंगे काश मैं इन सब बातों के बारे में सही और सटीक जानकारी पाता, तो कितना अच्छा होता। तो चिंता मत करिए आज आप सही जगह पर हैं।

बस Shrishti Rachna के इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें और जानकारी प्राप्त करें। दोस्तों मैं JAY PANDEY आपका स्वागत करता हूं आपके अपने ही वेबसाईट www.jaypandey111.blogspot.com पर।

दोस्तों यहां पर आपको सुनी सुनाई या फिर कही गई बातों से नहीं बल्कि सीधे हमारे धार्मिक पुस्तकों से कहानियां मिलती हैं। इसलिए इसके सत्यता पर तनिक भी संदेह ना करें।

ये जान लें कि ये साक्षात हमारे धर्म ग्रंथ ही हैं। तो चलिए जानते हैं कि आखिर Shrishti ki Rachna kisne kiya tha?

Srishti ki rachna kaise hui - सृष्टि की रचना कैसे हुई?

Shrishti ki Rachna Vishnu Puran के अनुसार शुरूवात महाप्रलय से होती है। जी हां महाप्रलय के बाद, जब सब कुछ शान्त हो गया। तब न दिन ही था ना रात। चारों तरफ जल, शान्त, अंधकार ही अंधकार और चारों तरफ "" ध्वनि सुनाई दे रहा था।

उस एक ध्वनि ॐ के शिवाय कुछ और नहीं था। तभी अचानक जल में कुछ हलचल सी होती है और एक प्रकाश उत्पन्न हुआ। प्रकाश एक अंडे के समान था। अण्डे के समान उस प्रकाश में एक बालक की उत्पत्ति होती है।

वो बालक कोई और नहीं सृष्टि के रचयिता भगवान् श्री हरि विष्णु ही थे। अब आप यहां यह कह सकते हैं कि पृथ्वी पर सबसे  पहले भगवान श्री हरि विष्णु जी ने अपने योग शक्ति द्वारा जन्म लिया।

देखते ही देखते प्रकाश से उत्पन्न उस बालक की लम्बाई बढ़ने लगी और Shristi ki Rachna करने वाले शेषसायी भगवान श्री हरि विष्णु जी आंखें बंद कर प्रकट हुए। आइए जानते हैं कि सृष्टि की रचना कहां से हुई


Sri Vishnu ji - Srishti ki rachna kaise hui
श्री हरि विष्णू

Shrishti ki Rachna kisne kiya tha - सृष्टि की रचना कहां से हुई?

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सृष्टि के रचयिता भगवान श्री हरि विष्णु जी ने जब अपनी आंखे खोली तो, भगवान सूर्य की उत्पति हुई। इसी से इनको सूर्य नारायण भी कहा जाता है। भगवान श्री हरि विष्णु जी के मन से चन्द्रमा और तारों की उत्पत्ति हुई।

इसके पश्चात् भगवान ने अपने नाभि से एक कमल की उत्पत्ति की और उस पर सृष्टि रचना करने के लिए भगवान श्री हरि विष्णु ने अपनी ही एक छायारूप को अवतरित किया जिन्हें जगतपिता ब्रह्मा कहते हैं।

जब ब्रह्मा जी ने संपूर्ण लोकों में किसी को नहीं देखा तो वो घबरा गए और उसी कमल दल की नाल में अन्दर पता करने के लिए कि आखिर मैं कौन हूं, और कहाँ से आया हूँ यह सोचकर अन्दर जाने लगे।

ब्रह्मा जी जितना अन्दर जाते, कमल नाल मानो उतना ही बढ़ता जाता। अंततः ब्रह्मा जी वापस आ गये और उन्होंने जोर से आवाज लगाई कि, मैं कौन हूं? मैं क्या करूँ? तब ब्रह्मा जी ने एक आवाज सुनी जो कहां से आ रही है किसी को नहीं पता।

Srishti ki Rachna kisne ki thi - सृष्टि की रचना कब और किसने की?

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वह आवाज़ थी "तप" करो। तब ब्रह्मा जी तप करने लगे। जब घोर तपस्या करते हुए बरसों बीत गए तब उन्हें Srishti ke Rachayita भगवान श्री विष्णु जी के दर्शन हुए।

उनके सभी प्रश्नों का उत्तर देते हुए  भगवान् श्री विष्णु जी ने कहा- कि आप मेरे ही रूप से बने हुए हैं, आपका नाम ब्रह्मा है और आप जगत के रचयिता हैं। यह कह भगवान ने अपने ही छाया बिंदु से एक और रूप प्रकट किया जो सृष्टि के संहारक भगवान शिव थे।


अब तक तीन देवताओं की उत्पति हो चुकी थी और अब तक आपने भी समझ लिया होगा कि Srishti ki Rachna kisne ki thi? तब प्रभु ने कहा आपका नाम शिव है।

हम तीनों को मिलकर सृष्टि की रचना करना है। ब्रह्मा आप रचयिता है और शिव आप विनाशक और आप दोनों के बीच में मैं विष्णु पालनहार हूं।

अब यहां पर आप सभी को आपके मन में उठ रहे प्रश्नों का उत्तर मिल गया होगा कि Srishti ki rachna kisne kiya hai? उसके बाद भगवान श्री हरि विष्णु जी ने कहा अब आप अपना कार्य आरम्भ करिये। इस तरह तीनों देव अपने स्थान पर जाते हैं।

ब्रह्मा जी ने ब्रह्मलोक, शिव जी ने कैलाश और भगवान् श्री हरि विष्णु जी ने क्षीरसागर को अपना निवास स्थान बनाया। तब प्रभु श्री हरि विष्णु जी ने अपने बायीं भुजा से माता लक्ष्मी की रचना की तभी से उनको लक्ष्मीनारायण कहा जाता है।

माता की उत्पत्ति बाम भाग से होने के कारण माता लक्ष्मी को वामांगी भी कहते हैं और इसी कारण स्त्री को पुरुष का वामांगी कहा गया है।इसलिए हमारे धर्म में ऐसा माना जाता है कि यदि पुरुष किसी भी धार्मिक या शुभ कार्य को आरम्भ करता है तो, स्त्री को ज़रूर साथ लेकर करे।

अन्यथा कार्य बेशक पूर्ण हो परंतु स्त्री के बिना अधूरा माना जाता है। अभी तक आपने बहुत कुछ जान लिया जैसे कि सृष्टि की रचना कब हुई कैसे हुई या फिर सृष्टि की रचना किसने की? आइए आगे बढ़ते हैं।

Shrishti ki Rachna - सृष्टि की रचना

इसके बाद श्री ब्रह्मा जी ने सर्वप्रथम चार बालकों सनत, सनंदन, सनातन और सनत कुमार को अपनी भुजाओं से उत्पन्न किया और कहा सृष्टि का भार उठाने के लिए। परन्तु बालक रुप में उत्पन्न होने के कारण उनमें कोई भी सक्षम नहीं था।

इसके बाद ब्रह्मा जी ने सोचा कि सृष्टि को चलाने के लिए सर्वप्रथम ज्ञान की जरूरत है और यह विचार ब्रह्मा जी सप्तऋषियों कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और वसिष्ठ को उत्पन्न किया और कहा आप सब ऋषि आने वाले मानव को ज्ञान देगें।


Shrishti ki rachna kaise hui
मनु और शतरूपा
तब श्री ब्रह्मा जी ने अपने तेज से एक पुरुष "मनु" और एक स्त्री "शतरूपा" को प्रकट किया। मनुष्य रूप में प्रकटे सृष्टि के पहले पुरूष और पहली स्त्री मनु और शतरूपा हुए। तब ब्रह्मा जी ने कहा-

हे मनु! तुम पुरुष हो, तुम्हारे अन्दर मैंने बहुत ही ताकत दी है, जिससे तुम भारी से भारी काम कर अपने परिवार का पालन पोषण कर सको तथा अपने परिवार की हरसंभव रक्षा कर सको।

सतरूपा तुम्हारा स्त्री का रूप है, तुमको मैंने प्रेम, करूणा, दया, साहस तथा किसी भी परिस्थिति में धैर्य रखने की ताकत दी है। तुम दोनों एक दूसरे के पूरक हो। तुम दोनो में कोई भी एक श्रेष्ठ नहीं बल्कि दोनों ही श्रेष्ठ हो।

ऐसा कह ब्रह्मा जी ने उन्हें आदेश दिया कि जाओ और सृष्टि की रचना में अहम भूमिका निभाओ। तब मनु और सतरूपा ब्रह्मा जी से आज्ञा लेकर पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत की।

इस प्रकार धरती पर सृष्टि रचना आरम्भ हुआ। अब शायद आपके प्रश्नों का उत्तर आपको मिल गया होगा कि सृष्टि की रचना किसने की है?

Final conclusion
तो दोस्तों इस पोस्ट में आपने जाना कि सृष्टि की रचना कैसे हुई या Srishti ki Rachna Kaun Kiya tha? एक बात और सृष्टि जिसने रचा उनको बहुत-बहुत धन्यवाद।

हमें बस इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि, हम सभी को आपस में प्रेम पूर्वक इस सृष्टि में जीना है। जिंदगी चार दिन की है इसलिए खुशी से जीना चाहिए। किसी भी तरह के लोग हों कितनी भी मुसीबतें हों, एक दूसरे की मदद जरूर करना चाहिए।

बेशक आप किसी को सुख ना दें मगर भूल से किसी को दुःख भी ना दें। अपनो के साथ साथ दूसरों का भी खयाल रखें। Srishti Rachna - श्रृष्टि रचना का ये पोस्ट कैसा लगा कॉमेंट कर जरूर बताएं। www.jaypandey111.blogspot.com पर अपना समय देने के लिए धन्यवाद! आपका दिन मंगलमय हो जय श्री हरि:।

FAQ
  • सृष्टि में सर्वप्रथम किसकी उत्पत्ति हुई?
सर्वप्रथम ईश्वर ने "नार" अर्थात जल की उत्पत्ति की तत्पश्चात स्वयं उत्पन्न हुए।

  • सृष्टि का निर्माता कौन है?
यूं तो श्री हरि विष्णु जी से ही संपूर्ण जगत का निर्माण हुआ मगर ब्रह्मा जी को ही निर्माता का पद मिला है। इसलिए आप जिन्हें भी समझ लें ये आप की मर्जी।

  • पृथ्वी पर पहला मानव कौन था?
यदि आप पहला मानव के बारे जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको बता दूं सर्व प्रथम ब्रह्मा जी ने ५ बालको को उत्पन्न किया था उसके बाद सप्तऋषियों को उत्पन्न किया और आखिर में मनु और शतरूपा को उत्पन्न किया जो पृथ्वी पर आए थे।

  • ब्रह्मांड में पहला भगवान कौन है?
श्री हरि विष्णु ही प्रथम भगवान के रुप में उत्पन्न हुए। उसके बाद उन्होंने अपने छाया बिंदु से ब्रह्मा जी को उत्पन्न किया और फिर भगवान शिव जी को उसके बाद भगवान ने अपने बाईं भुजा से माता लक्ष्मी जी को उत्पन्न किया।

  • दुनिया में सबसे पहला धर्म कौन सा है?
हिंदू धर्म जी हां, हिन्दू धर्म अर्थात् सनातन धर्म ही सबसे पहला धर्म है। जिसका सबूत आज भी कहीं न कहीं ज़मीन में दबा हुआ मिल ही जाता है। इसे 'वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म' भी कहते हैं जिसका अर्थ है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है।

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जय लक्ष्मीनारायण जी

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